नेहरू बाल पुस्तकालय >> बड़ा मूर्ख कौन बड़ा मूर्ख कौनश्रीकृष्ण कुमार त्रिवेदी
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श्रीकृष्णकुमार त्रिवेदी द्वारा प्रस्तुत कहानी बड़ा मूर्ख कौन...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
गधे की पूंछ
एक गांव में अलेमू नाम का एक धनी व्यापारी रहता था। वह अच्छा आदमी था और
गरीबों की हमेशा मदद करता था। आने वाले मेहमानों का दिल से स्वागत-सत्कार
करता था। उसके पास बहुत-सा सोना था। लेकिन वह उसे बैंक में न रखकर लकड़ी
के एक बक्से में बंद करके अपनी चारपाई के नीचे रखता था। घर में अकेला था,
इसलिए कहीं जाना होता तो ताला लगाकर जाया करता था।
एक दिन कहीं जाने के लिए वह टट्टू पर सवार होकर निकल पड़ा।
मौका पाकर उसी गांव के किसी आदमी ने उसका ताला तोड़कर और सारा सोना चुरा लिया। अलेमू दो दिन बाद वापस आया तो टूटा हुआ ताला देखकर समझ गया कि घर के अंदर कोई गया होगा। अंदर जाकर देखा और सारा सोना गायब पाया तो वह जोर-जोर से रोने-पीटने लगा, ‘‘हाय, मैं लुट गया। मेरा सारा सोना कोई चुरा ले गया.....।’’
उसने गांव के बहुत से लोगों से पूछा, पर कुछ पता न चल सका। हारकर वह अपने क्षेत्र के सरपंच के पास गया। उससे कहा कि उसे शक है कि गांव के ही किसी आदमी ने उसका सोना चुराया है। सरपंच कुछ देर तक सोचता रहा, फिर उसने कहा कि वह चोर को पकड़ेगा और उसका सोना वापस दिलाएगा।
एक दिन कहीं जाने के लिए वह टट्टू पर सवार होकर निकल पड़ा।
मौका पाकर उसी गांव के किसी आदमी ने उसका ताला तोड़कर और सारा सोना चुरा लिया। अलेमू दो दिन बाद वापस आया तो टूटा हुआ ताला देखकर समझ गया कि घर के अंदर कोई गया होगा। अंदर जाकर देखा और सारा सोना गायब पाया तो वह जोर-जोर से रोने-पीटने लगा, ‘‘हाय, मैं लुट गया। मेरा सारा सोना कोई चुरा ले गया.....।’’
उसने गांव के बहुत से लोगों से पूछा, पर कुछ पता न चल सका। हारकर वह अपने क्षेत्र के सरपंच के पास गया। उससे कहा कि उसे शक है कि गांव के ही किसी आदमी ने उसका सोना चुराया है। सरपंच कुछ देर तक सोचता रहा, फिर उसने कहा कि वह चोर को पकड़ेगा और उसका सोना वापस दिलाएगा।
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